4. Mehman

04/04/2013 16:42


मेहमान नवाजी - 
आप किसी नये षहर में गये जो आपके लिए नया है वहा आपको कोर्इ नही जानता ऐसे मे आपको अपने समाज के लोगो की मदद मिले तो आपको कैसा लगेगा जरा सोचो किसी दुसरे षहर मे अपना कोर्इ व्यकित मिल जाये तो । इसके लिए पहल हमें करनी होगी क्या आप किसी अनजान व्यकित को जो आपके समाज का हो उसे एक कप चाय नही पिला सकते मुझे नही लगता इससे कोर्इ कमी आयेगी लेकिन प्यार बढेगा हम सभी मेम्बर अपना फोन नम्बर व पूरा पता हमें दे जिससे हममे से कोर्इ दुसरे षहर जाये तो उस षहर के कुछ लोगो से मिलकर आये उस मेहमान का आदर सत्कार समाज के नाते करना चाहिए और उसकी हर सम्भव मदद करनी चाहिए हम सभी षहरो मे अपना एक एक बेठक बनाने पर विचार कर रहे है। वह किसी का घर या काम करने का स्थान भी हो सकता बस उसके पास महिने मे किसी एक रविवार को समय हो जिससे वह उस स्थान पर मिटिंग कर सकें तथा अपने षहर के लोगो से सम्पर्क बना सके।